Sunday, December 16, 2012

फैजाबाद में दरोगा ने किया लड़की के साथ रेप


डीआईजी के सामने बयान दिलवाने के बहाने दरोगा ने रेप पीड़ित को फैजाबाद के एक होटल में अपनी हवस का शिकार बना लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी दरोगा को गिरफ्तार कर लिया। युवती की तहरीर पर महिला थाने में दारोगा के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।

पुलिस के अनुसार, आंबेडकरनगर जिले के कोतवाली अकबरपुर क्षेत्र की पहितीपुर निवासी 16 वर्षीय युवती ने चार महीने पहले अकबरपुर कोतवाली में रेप का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसकी जांच सीनियर सब-इंस्पेक्टर मान सिंह को सौंपी गई थी। बुधवार सुबह मान सिंह युवती को डीआईजी के यहां बयान दिलाने के बहाने फैजाबाद लेकर आया और शहर के सुभाष नगर इलाके में स्थित एक होटल में युवती को अपना रिश्तेदार बताकर कमरा लिया। दिनभर युवती उसी होटल में रही और देर शाम डीआईजी के न मिलने की बात कहकर मान सिंह ने युवती को कमरे में रुकने को कहा।

युवती का कहना है कि थोड़ी देर बाद मान सिंह लौटकर आया और जबरदस्ती करने लगा। थोड़ी देर बाद जब मान सिंह सो गया तो युवती ने परिचितों को एसएमएस कर घटना की जानकारी दी। पुलिस ने युवती को होटेल से बरामद किया और आरोपी दारोगा को पकड़ लिया। युवती का कहना है उसके पिता ने उसे घर से निकाल दिया है और वह अपने दादी के साथ रहती है।

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चार सगी बहनों की संदिग्ध हालात में मौत

उत्तर प्रदेश में आजमगढ जिले के निजामाबाद थाना क्षेत्र में बीती रात एक परिवार की चार बेटियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। आशंका यह जताई जा रही है कि कहीं इन चारों को खाने में जहर तो नहीं दिया गया।

पुलिस सूत्रों ने रविवार को बताया कि निजामाबाद थाने के चकबारी गांव के निवासी पंकज गौड़  की चार बेटियों ने रात को एक साथ खाना खाया और सो गईं। रात एक बजे चारों की तबीयत अचानक खराब हो गयी और उन्हें एक निजी चिकित्सक के पास ले जाया गया जहां चारों की मौत हो गई। वहां चारों को मृत घोषित कर दिया गया। इनमें दो बहनें जुड़वां थीं जिनकी उम्र 11 साल थी। बाकी दोनों बहनों की उम्र 8 साल और 5 साल बताई जाती है।

हालांकि परिजन लडकियों की मौत फूड पॉयजनिंग के कारण हुई बता रहे हैं, पुलिस इस मामले की जांच से पहले कुछ नहीं कह रही। सूत्रों के मुताबिक जिस तरह से पुलिस को सूचित किए बिना चारों लड़कियों का अन्तिम संस्कार कर दिया गया, उससे पुलिस को पूरा मामला संदिग्ध लगता है। फिलहाल इस मामले की हर कोण से जांच की जा रही है।
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पिता के हत्यारे को गोली मारना चाहती है बेटी

बेटी अपने एएसआई पिता रविंदर पाल सिंह के हत्यारे से बदला लेना चाहती है। पिता पर गोलियां दागते हत्यारे का वह सीन बेटी की आंखों से हट नहीं रहा है। बेटी ने देखा था कि सरेआम उसके पिता को गोली मारी जा रही थी और लोग तमाशबीन थे। अकाली नेता रंजीत सिंह राणा को अब वह बेटी गोलियों से उड़ाना चाहती है जिसे एएसआई पिता ने छेड़खानी करने से रोका था तो हत्या कर दी थी।

गुरुवार को आरोपी राणा को उसके दो साथियों के साथ पुलिस ने तरनतारन से अरेस्ट कर लिया। उसके पास से दो राइफलें, एक पिस्तौल, कारतूस और एक कार बरामद की गई। अपनी आंखों के सामने पिता को मरते देखने वाली बेटी ने फूट-फूट कर रोते हुए बताया है- घटना के वक्त चारो तरफ खड़े लोग तमाशा देख रहे थे। किसी ने मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाए। जब वह पिता को ऐम्बुलेंस में बैठाकर हॉस्पिटल ले जाने की कोशिश कर रही थी, तब भी कोई आगे नहीं आया। राणा कई दिनों से मुझसे बदतमीजी कर रहा था। यह बात मैंने जब पापा को बताई तो उन्होंने राणा से विरोध जताया।

इससे नाराज राणा ने पापा पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। पापा को बचाने के लिए उन पर झुक गई तो उसने मुझ पर भी रायफल के बट से प्रहार किया पर मैं बच गई। पापा को कई गोलियां मारने के बाद भी राणा का मन नहीं भरा तो वह अपने घर से और हथियार लाया और फिर से कई गोलियां मारीं। मैं चीखती-चिल्लाती रही। मदद की गुहार लगाती रही पर किसी को कोई फर्क नहीं पड़ा। मैं मरते दम तक यह घटना नहीं भूल पाऊंगी। पुलिस के मुताबिक कस्बा छेहर्टा में एएसआई रविंदर पाल सिंह की बेटी ट्यूशन पढ़ने के लिए जाती थी। इस दौरान रास्ते में उसे कुछ युवक तंग करते थे। बुधवार को रविंदर पाल सिंह स्कूटर से बेटी को ट्यूशन छोड़ने गए थे। रास्ते में स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की रामपुरा ब्रांच के पास लड़की ने परेशान करने वाले लड़कों को पहचान लिया और पिता को इसकी जानकारी दी। पिता ने स्कूटर रोककर लड़कों से बात करनी चाही। आरोप है कि इस दौरान वहां खड़े 3 युवकों में से एक राणा ने एएसआई के सीने में पिस्तौल से गोलियां दाग दीं। गोलियां खत्म होने पर एएसआई को राइफल से भून दिया गया। यह वारदात एएसआई की बेटी के सामने हुई। जब वह अपने पिता को बचाने गई तो राणा ने उस पर राइफल का बट मारा और उसे गोली मारने ही जा रहा था कि लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। यह देख राणा और उसके साथी मौके से फरार हो गए।

बेटे की चाहत में बीवी का मर्डर



 बेटे की चाहत में सरकारी स्कूल के वाइस प्रिंसिपल ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। उसने 17 साल की लड़की से शादी भी कर ली, जो अब प्रेग्नेंट है। वारदात की चश्मदीद गवाह वाइस प्रिंसिपल की 21 साल की बेटी ने मर्डर केस दर्ज करा दिया। वह गिरफ्तार कर लिया गया है।

नजफगढ़ में सरकारी स्कूल के वाइस प्रिंसिपल गोविंद राम मीणा (50) को क्राइम ब्रांच ने 30 नवंबर को गिरफ्तार कर रिमांड के बाद बुधवार को जेल भेज दिया। अशोक विहार फेज-4 में रहने वाली उसकी बेटी पूजा ने 5 अक्टूबर को नजफगढ़ थाने में अपनी मां मंजू की हत्या का केस दर्ज कराया था।

मंजू जाफरपुर में सरकारी स्कूल में टीचर थीं। उनका परिवार नजफगढ़ में रोशन मंडी में रहता था। पूजा ने पुलिस को बताया कि डेढ़ साल से उसके पिता दूसरी शादी करने के लिए मंजू से झगड़ा करते रहते थे। मंजू तैयार नहीं थी। गोविंद राम ने मंजू को धमकी दी कि अगर वह उसकी दूसरी शादी के लिए तैयार नहीं होगी तो उसे मौत के घाट उतार देगा। 9 जनवरी की रात पूजा पढ़ रही थी। उसकी मौसी आशा भी उसी के कमरे में सो रही थी। रात 12 बजे पूजा उठकर वॉशरूम जाने लगी। उसे मां-बाप के कमरे से आवाजें आई। उसमें दरवाजा हटाकर लाइट जलाई तो गोविंद राम मंजू के सीने पर बैठा उसका गला घोंट रहा था।गोविंद ने पूजा को कमरे के कोने में धक्का देकर किसी को बताने पर उसे भी मारने की धमकी दी। पूजा ने डर की वजह से मौसी को कुछ नहीं बताया। अब गोविंद ने अपने दो दोस्तों को फोन कर उन्हें उनकी पत्नियों समेत घर बुलाया। महिलाओं ने आकर उन्हें बताया कि मंजू की तबीयत खराब होने की वजह से उसे अस्पताल ले जा रहे हैं। गोविंद अपनी वैगन आर में उन्हें मंजू समेत ले गया। पूजा और आशा को घर छोड़ दिया गया।

फोन पर गोविंद ने पूजा को बताया कि वह उसकी मां को राजस्थान ले जा रहा है और वहां नीमका थाना अस्पताल में उसका इलाज कराएगा। उसने पूजा को भी वहीं आने के लिए कहा। पूजा सीकर जिले के सिरोही गांव में अपनी मौसी आशा और मामा महेश के साथ पहुंची। वहां गोविंद ने उन्हें बताया कि डॉक्टर ने मंजू को मृत घोषित कर दिया है। महेश और आशा ने मंजू के गले पर निशान देखकर विरोध जताया, लेकिन गोविंद ने अपने चचेरे भाई रामस्वरूप की मदद से जल्दबाजी कर मंजू का अंतिम संस्कार कर दिया।

पूजा के मुताबिक उसकी बुआ ग्यारसी देवी भी साजिश में शामिल थी। वह हमेशा वंश चलाने की बात कहकर गोविंद को बेटा पैदा करने के लिए उकसाती रहती थी। बुआ ने गोविंद की शादी 17 साल की लड़की से करा दी। वह लड़की अब प्रेग्नेंट है। पिता की धमकी से डरकर पूजा अपनी मौसी के साथ अशोक विहार में रहने लगी। वक्त गुजरने पर उसने हिम्मत कर पुलिस केस दर्ज करा दिया।
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शराब पिलाकर बेटी से बलात्कार, दोस्तों को भी बुलाया

केरल के एर्नाकुलम जिले में एक पिता पर अपनी बच्ची को शराब पिलाकर छह महीने तक उसका बलात्कार करने का आरोप लगा है। 40 साल के इस व्यक्ति के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। अपनी छह साल की बच्ची से बलात्कार का आरोपी फिलहाल फरार है।

जिला अस्पताल में बच्ची का इलाज कर रहे मनोचिकित्सक अजीश रामचंद्रन के मुताबिक बच्ची ने उन्हें बताया था कि उसका पिता रोज उसे शराब पिलाता और फिर उसके साथ बलात्कार करता। बच्ची ने अपने पिता के 4-5 दोस्तों के नाम भी बताए, जिन्होंने उसके साथ रेप किया।

बच्ची के मां-बाप अलग हो चुके हैं। बच्ची की मां किसी आश्रम में रहती है और उसका खर्च नहीं उठा सकती। इसलिए उसने अपने पति से आग्रह किया था कि एक बच्चे की देखभाल करे।
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लड़की से दो साल तक रेप करते रहे पिता-भाई

शिक्षा के मामले में देश के अव्वल राज्य केरल में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। आरोप है कि आठवीं क्लास में पढ़ने वाली एक नाबालिग से उसके पिता, चाचा और भाई दो साल तक बलात्कार करते रहे। नाबालिग से बलात्कार के आरोप में तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

उत्तरी केरल के कुन्नूर जिले की यह घटना समाज का घिनौना चेहरा सामने लेकर आई है। मामला तब सामने आया जब स्कूल की छुट्टी के बाद छात्रा ने घर जाने से मना कर दिया और रोने लगी। टीचरों ने जब लड़की से पूछताछ की तब जाकर हकीकत से पर्दा उठा। स्कूल प्रशासन को जैसे ही मामले का पता चला उसने तुरंत पुलिस को जानकारी दी और शिकायत दर्ज की गई। केस की जांच कर रहे थालास्सेरी सर्कल के इंस्पेक्टर एमवी विनोद कुमार ने बताया कि लड़की के पिता, 15 साल के भाई और चाचा को गिरफ्तार कर लिया गया है।

भाई को जहां बाल सुधार गृह भेजा गया है, वहीं पिता और चाचा न्यायिक हिरासत में हैं। लड़की ने बताया कि जब वह छठी क्लास में थी तभी से उसे प्रताड़ना के इस दौर से गुजरना पड़ रहा था। पीड़ित लड़की से हुई पूछताछ के आधार पर विनोद कुमार ने बताया कि उसकी बड़ी बहन को भी इसी तरह यौन प्रताड़ना के दौर से गुजरना पड़ा था जिसके बाद दो साल पहले उसने सूइसाइड कर लिया था।

Saturday, December 15, 2012

बेटी को इंसाफ दिलाने की कोशिश की तो घर से बेघर हो गई



 ज्यादा दिन नहीं हुए, जब 7 साल की सिरजा (बदला हुआ नाम) भी अपनी उम्र की बाकी बच्चियों की तरह चंचल और चुलबुली थी। अब वह बड़ी गंभीर और चुप-चुप सी रहती है। अमूमन वह अपनी मां 32 साल की स्मिता (बदला हुआ नाम) और काउंसलर से ही बात करती है। वह 5 साल की थी, जब उसके नाना ने उसका यौन शोषण शुरू किया था और करीब एक साल तक यह सिलसिला चलता रहा।

सिरजा की मां स्मिता सिंगल मदर हैं। वह पेशे से टीचर हैं और अपने माता-पिता के घर रहती थीं। वह काम पर चली जातीं और उन्हें कुछ पता नहीं होता कि छोटी बच्ची सिरजा को उनकी गैर मौजूदगी में क्या कुछ झेलना पड़ता था।

स्मिता ने बताया कि पहले सिरजा काफी बात करती थीं। बाद में उन्होंने गौर किया कि वह चुप-चुप सी रहने लगी है। उससे वजह पूछी तो उसने कुछ नहीं बताया। बस वह उस घर से निकलना चाहती थी। अपने नाना-नानी के साथ रहना उसे अच्छा नहीं लगता था। स्मिता को पहले तो कुछ समझ नहीं आया। पर, धीरे-धीरे उन्होंने बच्ची को विश्वास में लिया, उसे भरोसा दिलाया, तब सिरजा ने अपनी ममी को बताया, 'नानाजी मुझे नीचे (प्राइवेट पार्ट में) टच करते हैं।'स्मिता के लिए यह सदमे जैसा था। मगर, अभी इससे बड़े झटके लगने बाकी थी। घर में जब स्मिता ने यह मसला उठाया तो उन्हें पता चला कि उनकी मां को भी यह बात मालूम थी, पर उन्होंने इस बारे में चुप रहना ही बेहतर समझा। यहां तक कि उनके भाइयों ने भी उनका साथ देने से इनकार कर दिया क्योंकि घर की इज्जत का कबाड़ा करना उन्हें मंजूर नहीं था।

स्मिता बताती हैं कि उनके सामने अपने पैरंट्स का घर छोड़ने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था। वह घर उन्होंने छोड़ दिया और वह पुलिस में शिकायत दर्ज कराने पहुंचीं। बकौल स्मिता, 'मैं दो बजे दिन में थाने पहुंची थी, मगर मेरी एफआईआर भी आसानी से दर्ज नहीं हुई। पुलिस ऑफिसर मुझे देर तक यह समझाने की कोशिश करते रहे कि परिवार के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाना अच्छा नहीं है मुझे इस मामले को घर में ही निपटाना चाहिए। मगर, मैं नहीं मानी। अपनी बेटी का साथ देना मुझे ज्यादा जरूरी लगा। आखिरकार रात दस बजे एफआईआर दर्ज हुई।'

एफआईआर दर्ज होने के बाद उनके घर वाले फरार हो गए और स्मिता को पता नहीं कि पिछले चार महीनों में इस मामले में क्या प्रगति हुई है। स्मिता बताती हैं कि अगर मुझे कुछ कार्यकर्ताओं का समर्थन नहीं मिला होता तो मैं यह लड़ाई जारी नहीं रख पाती।
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6 पुलिसवालों ने थाने में किया गैंगरेप?
पुलिस हेडक्वॉर्टर से चंद कदमों की दूरी पर आईपी एस्टेट थाने में छह पुलिस वालों पर नाबालिग लड़की से गैंग रेप करने का आरोप है। मामले का खुलासा तब हुआ, जब इसी थाने की पुलिस ने पीड़ित लड़की को मयूर विहार में चाइल्ड वेलफेयर कमिटी (सीडब्ल्यूसी) के सामने पेश किया। लड़की ने चार सदस्यों वाली कमिटी के सामने पुलिसवालों पर गंभीर आरोप लगाए।
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MATRIMONIAL RELATION