राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने यौन उत्पीड़न की शिकार युवती की मौत मामले में ओडिशा सरकार को आठ सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं. यह जानकारी एक याचिकाकर्ता ने बुधवार को दी.
कार्यकर्ता मनोज जेना और अखंड की याचिका पर एनएचआरसी ने मृतक के परिवार को पांच लाख रुपये की अंतरिम मदद देने का भी आदेश सरकार को दिया है.
अखंड ने कहा कि रायगढ़ जिले के तिकिरी शहर के सरकारी आवासीय स्कूल में 27 वर्षीय इतिश्री प्रधान पर किरासन तेल छिड़क कर आग लगा दी गई थी, जिसके चार दिन बाद एक नवंबर को विशाखापट्टनम में उसकी मौत हो गई थी.
पीड़िता ने 18 जुलाई को पुलिस को सूचित किया था कि इलाके का उप निरीक्षक नेत्रनंद दंडसेना ने उसके खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत को वापस न लेने पर धमकी दी है.
अखंड ने बताया कि पुलिस ने प्रधान की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद उसने जिलाधिकारी, राज्य पुलिस प्रमुख, मुख्यमंत्री और राज्य महिला आयोग से गुहार लगाई थी.
दंडसेना के कथित यौन उत्पीड़न से बचने के लिए उसने स्थानांतरण की भी मांग की थी. हालांकि, न तो उप निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई हुई और न ही उसके बचाव के लिए कोई आया.
घटना वाले दिन प्रधान बच्चों के साथ टेलीविजन देख रही थी तभी दंडसेना कथित रूप से स्कूल के कमरे में दाखिल हुआ और किरासन तेल छिड़क कर आग लगा दी, 90 फीसदी जल चुकी प्रधान की एक नवंबर को मौत हो गई.
मानवाधिकार संस्था ने मृतक के परिवार को सरकार की तरफ से अंतरिम राहत न मिलने की खबर पर नाराजरी जाहिर की है.
एनएचआरसी ने न सिर्फ आठ सप्ताह के अंदर जांच पूरी किए जाने की मांग की है, बल्कि राज्य पुलिस महानिदेशक को निर्धारित समय के अंदर जांच के अंतिम परिणाम भी पेश करने के निर्देश दिए हैं.
आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और राज्य सरकार को पीड़िता को अंतरिम राहत दिए जाने के सबूत आठ सप्ताह के अंदर भेजे जाने के भी आदेश दिए हैं.
इधर, राज्य सरकार का कहना है कि इसने स्कूल के जिला निरीक्षक, जांच कर रहे पुलिस अधिकारी और दारोगा को निलंबित कर दिया है.
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