Thursday, October 11, 2012

तीस हज़ार में बैल, लड़कियाँ दो हज़ार में

यहां एक जोड़ी बैल की कीमत है 30 हज़ार रूपए और एक पुरानी मोटर साइकिल भी
20 हज़ार से कम की नहीं मिलती.
लेकिन यहां की आदिवासी लड़कियों का कोई मोल नहीं. वे दो - चार हज़ार रुपए
तक में मिल जाती हैं.
ये है झारखंड की राजधानी राँची से ढाई सौ किलोमीटर दूर आदिवासी बहुल
सिमडेगा ज़िले का बाकचट्टा गाँव | यहाँ की आदिवासी लड़कियों को बड़े शहर
में अच्छी नौकरी का लालच देकर बिचौलिए अपने साथ ले जाते हैं और उन्हें
प्लेसमेंट एजेसियों या जिस्म की मंडियों में बेच देते हैं| एक बार अगर ये
लड़कियां इस दलदल में फंस जाती हैं तो उसके बाद उनका वहां से बच कर
निकलना आसान नहीं होता. हारकर वो अपने हालात से समझौता कर लेती हैं |
तमाम तरह की मानसिक, सामाजिक और शारीरिक तिरस्कार झेलने के बाद भी अगर ये
लड़कियां अपने घर लौटती हैं तो वहां भी उनको हिस्से तिरस्कार ही आता हैऔर यही वो कारण जिसकी वजह से झारखण्ड के आदिवासी बहुल इलाकों की सैकड़ों
लड़कियों का आज तक कोई अता-पता नहीं है.वह कहां और किस हाल में हैं... ये कोई नहीं जानता |00000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000

आदिवासी लड़कियाँ बन रही हैं बिनब्याही माँमहानगरों की चकाचौंध और सुनहरे भविष्य का सपना लिए झारखण्ड की हज़ारों
आदिवासी लड़कियां महानगरों का रुख तो कर रही हैं मगर वहां से वो लौटती हैं
बीमारियां और गोद में बच्चे लेकर | बिनब्याही माओं और उनके द्वारा
महानगरों से लाए गए बच्चों की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है. उनका
कहना है कि ये सभी लड़कियां शारीरिक शोषण का शिकार होती हैं | ज्यादातर
लड़कियां दलालों के झांसे में आकर दिल्ली या दूसरे महानगर में मौजूद
प्लेसमेंट एजेंसी पहुँच जाती हैं. सबसे पहले उनका शारीरिक शोषण वहां होता
है. फिर जिन घरों में उन्हें काम करने भेजा जाता है, वहां पर वह शोषित
होती हैं |00000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000नाबालिग को कैद कर एक हफ्ते तक गैंगरेपपश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर में 16 साल की लड़की से चार लोगों ने
गैंगरेप किया। उसे एक हफ्ते तक घर में कैद रख कर यह वारदात की जाती रही।
लड़की को एक मुलजिम की पत्नी ने घर से बाहर नहीं निकलने दिया। पुलिस ने
पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया। तीन मुलजिम फरार हैं।मूल रूप से असम की रहने वाली नाबालिग लड़की 2010 में दिल्ली आई थी।
प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए उसने पहले पंजाबी बाग में मेड की नौकरी की। फिर
वह गुजरात चली गई। वहां से वापस आने के बाद प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाले
चंदू ने उसे रोहिणी में काम पर रखवाया। लड़की का मन वहां नहीं लगा और
उसने काम छोड़ दिया। उसके पास रहने के लिए जगह नहीं थी। उसने 25 अगस्त को
अपने जानकार इमरान को फोन किया। इमरान उससे मिलने शकूरपुर में आया। वह
उसे अपने परिचित नवल किशोर के घर रघुबीर नगर में ले गया।लड़की के मुताबिक, वहां पर नवल किशोर, इमरान और उनके दोस्तों मिथुन और
लालू ने शराब पी। लड़की को भी जबरन शराब पिलाई गई। उसके बाद चारों ने
उससे रेप किया। 01 सितंबर तक चारों ने लड़की से कई बार रेप किया। इस
दौरान नवल किशोर की पत्नी सबीना मुलजिमों को सहयोग करती रही। सबीना लड़की
को घर से बाहर निकलने नहीं दे रही थी। फिर लड़की को ऑटो में बिठाकर रेलवे
स्टेशन भेज दिया गया। लड़की ने रेलवे स्टेशन से प्लेसमेंट एजेंसी चलाने
वाले चंदू को फोन किया। वह उसके घर चली गई। हालत में कुछ सुधार होने के
बाद उसने सोमवार को पुलिस को इस वारदात के बारे में फोन कर खबर दी।
ख्याला पुलिस ने उसका मेडिकल चेकअप कराया, जिसमें रेप की पुष्टि हुई।
लड़की के बयान लेकर रेप केस दर्ज किया गया।










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